ustaad Rashid khan death : jab we met
के गाने के गायक ustaad Rashid khan का 55 साल की उम्र में कैंसर के कारण हुआ निधन | आओगे जब तुम साजना अंगना फूल खिलेंगे, Jab we Met का ये गाना तो आप सभी ने सूना ही होगा, इस गाने को सुनते ही एक सुकून का एहसास होता है, इस गाने के बारे में आपको पता ही होगा की ये गाना शाहिद कपूर और करीना कपूर पर फिलमाया गया था और बेहद मशहूर हुआ था | आपको बता दें की इस गाने के गायक उस्ताद राशिद खान साहब अब इस दुनिया में नहीं रहे | शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान 55 वर्ष के थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है। बीते कुछ दिनों से उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट हो रही थी |जिसके चलते उन्हें कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था |
UP में जन्मे मुम्बई में शुरू किया संगीत प्रशिक्षण और पद्मश्री तक की जीवन यात्रा :
ustaad Rashid khan का जन्म 1 जुलाई 1968 भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बदायूं जिले में हुआ था। वह हिंदुस्तानी संगीत परंपरा में एक क्लासिकल सिंगर थे । राशिद खान रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखने वाले थे, और घराने के संस्थापक इनायत हुसैन खान के परपोते हैं। उनकी पत्नी का नाम सोमा खान है।
इन्होने अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान (1909-1993) से प्राप्त किया। वह उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के भतीजे भी हैं।
बचपन में ustaad Rashid khan का संगीत के प्रति को ख़ास लगाव नहीं था, संगीत में उनकी बहुत कम रुचि थी। लेकिन वो कहते हैं णा हीरे को सही जौहरी मिल जाए तो हीरा बेशकीमती होकर निखरता है उसी तरह उनके चाचा गुलाम मुस्तफा खान उनकी संगीत प्रतिभा को पहचानने वाले पहले लोगों में से एक थे, और शुरूआत में कुछ समय के लिए उन्हें मुम्बई में प्रशिक्षित किया। हालाँकि, उन्होंने अपना मुख्य प्रशिक्षण निसार हुसैन खान से उनके घर, बदायूँ में प्राप्त किया। एक सख्त अनुशासक, निसार हुसैन खान सुबह चार बजे से आवाज प्रशिक्षण ( स्वर साधना ) पर जोर देते थे, और राशिद को घंटों तक पैमाने के एक नोट का अभ्यास कराते थे। एक ही नोट का अभ्यास करने में पूरा दिन व्यतीत हो जाटा था । हालाँकि बचपन में रशीद को इन पाठों से नफरत थी, लेकिन अनुशासित प्रशिक्षण आज उनके तान और लयकारी में उनकी आसान महारत को दर्शाता है। 18 साल की उम्र तक आते आते राशिद ने अपने भीतर के कलाकार को पहचानना शुर कर दिया था और संगीत प्रशिक्षण का सही मायने में आनंद लेना शुरू किया।
राशिद खान ने अपना पहला संगीत कार्यक्रम ग्यारह साल की उम्र में दिया और अगले वर्ष, 1978 में, उन्होंने दिल्ली में आईटी सी के एक संगीत कार्यक्रम में प्रदर्शन किया। अप्रैल 1980 में, जब निसार हुसैन खान आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी (एसआरए), कोलकाता चले गए, तो राशिद खान भी 14 साल की उम्र में अकादमी में शामिल हो गए 1994 तक, उन्हें अकादमी में एक संगीतकार (एक औपचारिक प्रक्रिया) के रूप में स्वीकार किया गया।
पुरस्कार
ustaad Rashid khan जी को उनके गायन के लिए वर्ष 2006 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया, इसके अलावा उन्हें
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (2006),
- वैश्विक भारतीय संगीत अकादमी पुरस्कार (जीआईएमए) (2010)
- पद्म श्री (2006)
- 2012 में बंग भूषण
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (2006)
- वैश्विक भारतीय संगीत अकादमी पुरस्कार (जीआईएमए) (2010)
- महा संगीत सम्मान पुरस्कार (2012)
- मिर्ची संगीत पुरस्कार ( 2013 )
- पद्म भूषण (2022)
अस्पताल में कराया गया भर्ती:
बीते शुक्रवार को सेरेब्रेल अटैक के बाद संगीतकार ustaad Rashid khan की हालत ज्यादा बिगड़ गई जिसके कारण उन्हें तत्काल कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया , उस्ताद राशिद खान, का प्रोस्टेट कैंसर के लिए कोलकाता स्थित एक अस्पताल में इलाज चल रहा था,अस्पताल के डॉक्टर्स ने अपनी पूरी कोशिश की लेकिन वो उन्हें बचा नहीं पाए और 9 जनवरी को दोपहर करीब 3:45 पर क्लासिकल संगीत के बेहतारीक गायक उस्ताद राशिद खान साहब इस दुनिया से अलविदा कहते चले |
बंगाल की मुख्यमंत्री ने शोक प्रकट करते हुए
ustaad Rashid khan जी के निधन पर दुःख प्रकट करते हुए कहा की “यह पूरे देश और पूरे संगीत जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है, उन्होंने अपने किए गए ट्विट के माध्यम से कहा की , मुझे विश्वास नहीं हो रहा की राशिद खान नहीं रहे”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा की 10 जनवरी को राशिद खान के अंतिम संस्कार से पहले बन्दूखों की सलामी और राजकीय सम्मान की पूरी प्रकिया की जाएगी,
फिल्म इंडस्ट्री के कई कलाकार राशिद खान जी के निधन से हुए दुखी : फिल्म जगत के जाने माने अभिनेता anupam kher ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से शोक जताते हुए लिखा है की “अलविदा राशिद खान साब ! सालों तक बहुत सुकून दिया आपके म्युज़िक ने”
वास्तव में उस्ताद राशिद खान का इस दुनिया से अलविदा कहना हम सबके लिए और संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है, उनके गाए गानों को सुनकर कितने ही दिलों ने राहत की सांस ली है, अब उस्ताद भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके गाए गीत हमें हमेशा सुकून देते रहेंगे , परमात्मा उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें |
Author@newshindtimes